Friday, April 24, 2009

सेवा मे ......राज बाबु

आज अख़बार पढ़ के बबुआ भड़क गैइले , तमतमा के कहलस की हमनियो के अलग बिहार चाही , जब हिंदुस्तान मे बिहारी के कदर नइखे तब हमनी के हिंदुस्तान मे काहे रहल जइए.............

बाबु जी मुस्कुरा के दुखी मन से कहलन ....."अरे बौउराह बिहार के अस्तित्वा का बा बिना भारत के ".... बबुआ अभी नादान बारण , अभी मेट्रिक के परीचा देबेवाला बारण ।

राज ठाकरे जी अगर रउरा लागत बा की हमनी के राउर मराठी एकता मे दारार दलत बनी जा त पुरा भोजपुरिया समाज के ओर से हम माफी मंगत बानी । हमनी के छोट मानसिकता ओला लोग हनी जा , रुआ सब दूर द्रिस्टी रहके वोला ज्ञानी लोग । राज बाबु जब हम छोट रही हमर बाबु जी सुते से पहिले लेच्क्चेर देत रहन , ओकरा मे हिंदुस्तान के तकलीफ से सुरुआत होखे और समाधान पर ख़तम करस । विस्वास करी दुनो आदमी संगही सुते जाई जा , आज तलक बिहार पर केंद्रित चर्चा न भइल।

किंतु आज बबुआ खिसी पूछलन ..."का बाबु जी , हमनी के इहे दर्जा रखेनी जा गणतंत्र मे ? " बाबु जी कहल "रोप्या मे तौला त बिहार सबसे हलुक बा , कर्म मे तौला त हिंदुस्तान से भारी बा , परन्तु याद रखिया बेटा बिहार के अस्तित्वा नइखे बिना भारत के "।
राज बाबु हमनी के पूर्वज भी राउर सेवा मे लागल रहलन , तोहर विकास मे हमनी के भी कुछ योगदान बा , चाहे अशोक के सवार्निम युग होखे , आर्यभट के ० होखे , आपन दादा परदादा से पुछिहा कबो सपना मे आइहन त बतैहन तहरा के ओ घरी कोंकण से लोग आवत रहन नालंदा 'लूर ' सीखे खातिर । आज तोहरा तक्लिफ्ह होखता अगर बिहार से कोई जाता तहरा भीरी ।
राज साहेब तोहरा मे आज भी अतना काबलियत नइखे की बिना 'HCverma' और 'kcsinha' के इंजिनियर बना सक । जवन छेत्र्ये पार्टी के झंडा तले बौवत बार , उहो देन है जय प्रकाश नारायण के । चंपारण के किसान तोहर आज़ादी खातिर संघर्स कैलन , ८० साल के उम्र खटिया पे सुते के होखेला अंग्रेज से लड़े खातिर न "बाबु कुवर सिंह " के बात करतनी साहेब ।
अतने न १९४७ से लेके आज तक हिंदुस्तान के राजनीति मे हमनी के दबदबा रहल किंतु कबो दुरूपयोग न कईनी जा। बाबु जगजीवन राम, चन्द्रसेखर या नीतिश के लेल । ज्वोन लालू के नाम पर तू गारी देबेला उहे एक मात्र बबर रहे जवोन १९९३ मे अडवानी के बेवुर के रास्ता देखाव्ल्स और बिहार के सम्प्र्दैक्ता के आग से बचव्लास ।
बसिष्ठ नारायण सिंह के ना जानत होख्हम , बहुत छोट आदमी रुआ खातिर , हमनी खातिर महान गणितग्य बसिष्ठ नारायण सिंह 'WDC' गोइल रहन रिसर्च करे खातिर , 'california' यूनिवर्सिटी मे आज भी इनकर पेपर पढावल जाला , आज भी खटिया पे बिना लेवा के सुते लन...........
एगो और छोट आदमी रहन कुंजन जी जिनकर कविता संग्रह हमनी के जबानी याद बा , ईहा के कौनो प्रसिद्ध प्रकासन के मोहताज न भइलन। राज बाबु तू आपन संस्कृती के बढ़ावे खातिर बल के पर्योग करे ल , हमनी के जरुरत न पड़े , चाहे साहित्य होखे या चलचित्र । तोहरा असिर्वाद से ६ वो महाद्वीप मे फलत फुलत बनी जा ।
राज बाबु तोहरा के भोजपुरिया समाज लईका समझ माफ करत बा , का ह की सहनशीलता हमनी मे कूट -२ के भरल बा , मास्टर साहेब बिना गलतियों के चार पयेना खीच देलन पुछला प् कहिहन की ससुरा एगुरे फर्स्ट कहे आवत बा । एकर नतीजा इंजीनियरिंग , मेडिकल या प्रसासनिक प्रवेस परीछा के 'मेरिट लिस्ट ' मे लौकेला ।

पर हर चीझ के एगो सीमा होखे ला ओकर उलंघन न होखे के चाही , आग्रह बा रउरा से।

7 comments:

  1. marvelous knowledge man ,i think raj thakerey have no conter-question of these.raj can only blink the integrity of society.only one mistake of blog is that its in bhojpuri so only few people can get it,if u hav time translate it in eng or in hindi.
    i hope dat this blog really promote the disorganized people 2 b organized.
    humara ta bas ek hi bat yad aavata "chalani sup k dekh k hansata ,javna me khud hajaro chhed ba"(its in bhojpuri)
    sup=bihar peoples
    chalani=marathis
    so ,raj bhai dont ever try to mess with biharis.

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  2. i will bro ...... i will make my self available for national audience

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  3. good yar ,
    ur blogs r 100% right.

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  4. guy's plz mention ur email id ..........

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  5. bahut sahi kaha tume...mai toh kahti hun ki raj thakrey sirf ek hai naa...hamara bihar agar chahe toh uske virodh me hum har ghar se ek raj thakrey khada kar den uske khilaf...par hum biharies shanti priya hain..aisa nahi karenge...very nice.....bahut achcha likha hai tumne ..

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  6. good yar .

    mai sasaram ke liye online site laraa hoo

    agar aap karhgar ke hai to wwwsasaram.in me apane sahre ke bare me likha sakate hai .



    vinay rajput
    9953158637
    online reporter
    newdelhi

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  7. jahan tak bat hai sharm aane ki, to aisi baat nahin hai,hame sharmana chod kar, ladna sikhna chahiye, apne haq ke liye, apne aage aane wali pidhi ke liye.aapka aakrosh wazib hai, but hame apne bihar ke liye kuchh karna hai to hame power ( satta) me aana hoga, agar hamare pas power hoga tabhi hamari bat suni jayegi.

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